Layers of Atmosphere
वायुमंडल की संरचना
पृथ्वी के चारों ओर व्याप्त गैसो के आवरण को वायुमंडल कहा जाता है जो पृथ्वी की गुरुत्वीय बल के कारण पृथ्वी के साथ संलग्न है। यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों के अवशोषण और ग्रीन हाउस प्रभाव द्वारा दिन और रात के धरातलीय तापमान को संतुलित रखकर पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करता है |
वायुमंडल का संघटन
वायुमंडल का संगठन निम्न तत्वों से मिलकर बनता है
- गैस
- जलवाष्प
- धूलकण
वायुमंडल में पाए जाने वाली गैस निम्न है
- वायुमंडल नाइट्रोजन गैस 78% सर्वाधिक मात्रा में पाई जाती है
- वायुमंडल में ऑक्सीजन 21% है जो की गैसों में दूसरे नंबर पर है
- वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा 3-5 % तक होती है इसके प्रति मुख्य रूप से महासागरों जलाशयों आदि के वाष्पीकरण से होती है जलवाष्प की मात्रा भूमध्य रेखा से ध्रुव की ओर जाने पर घटती रहती है
- वायुमंडल में आर्गन गैस 0.93% एवं कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% पाई जाती है
पृथ्वी के वायुमंडल की संरचना
पृथ्वी के वायुमंडल को पृथ्वी की सतह से लेकर उसके ऊपरी स्तर तक निम्नलिखित पांच स्तरों में बांटा गया है
- क्षोभमंडल
- समतापमंडल
- मध्यमंडल
- तापमंडल
- बाह्यमंडल
क्षोभमंडल
- यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है जिसकी ऊंचाई ध्रुव पर लगभग 8 किलोमीटर और भूमध्य रेखा पर लगभग 18 किलोमीटर होती है
- सभी वायुमंडलीय या मौसमी घटनाएं इसी मंडल में घटित होती हैं
- संपूर्ण वायुमंडल का 80% द्रव्यमान इसी मंडल में उपस्थित है
- कार्बन डाइऑक्साइड गैस का सर्वाधिक विस्तार इसी मंडल में उपस्थित है
- क्षोभमंडल की ऊंचाई गर्मी में बढ़ती है और सर्दी में घटती है
- 165 मीटर की ऊंचाई पर जाने पर एक डिग्री सेल्सियस तापमान की कमी आएगी
- क्षोभमंडल में नीचे से ऊपर जाने पर 6.5 डिग्री सेल्सियस प्रति किलोमीटर की दर से तापमान घटता है
समतापमंडल
- इस मंडल में ओजोन परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है
- ओजोन समतापमंडल में परत के रूप में मौजूद है लेकिन क्षोभमंडल में यह गैस के रूप में मौजूद है समतापमंडल में पाए जाने वाली ओजोन को अच्छा ओजोन तथा क्षोभमंडल में पाए जाने वाले ओजोन को बेड ओजोन कहा जाता है
- इस मंडल में हवाई जहाज 20 किलोमीटर से लेकर 45 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक उड़ाए जाते हैं
- इस मंडल में मौसम में घटनाएं घटित नहीं होती
मध्यमंडल
- मध्यमंडल के सबसे ऊपरी सीमा पृथ्वी का सबसे ठंडा स्थान है जहां का औसत तापमान लगभग -85 डिग्री सेल्सियस होता है
- अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाले लगभग सभी उल्का पिंड इस परत पर जाकर जल जाते हैं इसलिए इस मंडल में उल्कापिंड की रख पाई जाती है
तापमंडल
- तापमंडल में नीचे से ऊपर जाने पर तापमान बढ़ता जाता है
- तापमंडल की निचली परत आयनमंडल कहलाती है क्योंकि यह परत शौर्य विकिरण द्वारा आयनीकृत हो जाती है आयनमंडल पूरी तरह से बादल और जलवाष्प विभिन्न परत है आयन मंडल से ही रेडियो तरंगे परावर्तित होकर वापस पृथ्वी की ओर लौटी है और रेडियो टेलीविजन आदि के संचार को संभव बनाती हैं संचार उपग्रह इसी मंडल में स्थित होते हैं
- उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश तथा दक्षिणी ध्रुवीय प्रकाश की घटनाएं ताप मंडल में ही घटित होती हैं
- आयनमंडल में उल्का पिंड पाए जाते हैं
बाह्यमंडल
- यह वायुमंडल की सबसे बाहरी परत है जो अंततः अंतरिक्ष में जाकर मिल जाती है
- बाह्यमंडल में हाइड्रोजन और हीलियम गैस के प्रधानता होती है
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