सबसे बड़े बुक मार्केट में NCERT की किताब नहीं:बाजार से गायब लेकिन ई कॉमर्स पर 10 गुना रेट पर बिक रहीं

अगस्त का दूसरा सप्ताह चल रहा है। यानी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र का पांचवां महीना है, लेकिन पेरेंट्स, NCERT की नई किताबें देश के सबसे बड़े किताब बाजार ‘नई सड़क’ की दुकानों में भी नहीं मिल रही हैं। हैरानी की बात ये है कि जो किताबें बाजार से गायब हैं, वो ई-कॉमर्स साइटों पर 8 से 10 गुने दाम में बिक रही हैं। नई शिक्षा नीति के तहत बनाए गए नए करिकुलम के हिसाब से NCERT को कक्षा-3 और कक्षा-6 की किताबें सत्र-2024-25 के लिए उपलब्ध करानी थी। कक्षा-3 की किताबें अप्रैल-मई तो उपलब्ध नहीं थी लेकिन अब मिल पा रही हैं लेकिन कक्षा-6 की किताबें उपलब्ध नहीं है। NCERT के सीनियर अधिकारी ने बताया कि ई-कॉमर्स साइटों पर किताबें बिकने की शिकायत है। कई कंपनियों को NCERT से शिकायत की एक कंपनी ने कहा कि साइट से जुड़े वेंडर्स ने अपनी ओर से दाम बढ़ाचढ़ कर लिख दिए हैं। अधिकारी ने बताया कि मैथ्स को छोड़कर बाकी किताबें पर्याप्त संख्या में हर रोज जारी की जा रही हैं। NCERT के पास करीब 600 वेंडर्स हैं जो किताबें प्राप्त करते हैं, हो सकता है कुछ बुक सेलर्स को अभी वेंडर्स से किताबें न मिली हों, इसलिए ऐसा संकट दिख रहा है जो जल्द ही खत्म हो जाएगा। NCERT ने छात्रों को यह सलाह भी दी है कि जब तक उनके हाथ में नई किताबें नहीं आ पाती तब तक वे वेबसाइट से कक्षा में पढ़े जा रहे चैप्टर के पीडीएफ का प्रिंटआउट लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं या सीधे वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं, सभी किताबें ऑनलाइन मुफ्त में उपलब्ध हैं। हिंदी की किताब 599 की, डिस्काउंट में कीमत ₹499 सरदार पटेल स्कूल में कक्षा-6 में पढ़ रहे बच्चों की अभिभावक वैभवी ने बताया कि हिंदी की किताब मल्हार ऑनलाइन मंगवाई जिसकी कीमत तो 599 रुपए बताई, लेकिन 25 फीसदी का डिस्काउंट देकर 449 रुपए में मिली, शिपिंग का पैसा अलग से लगा। एक अन्य अभिभावक निधि खांडेकर ने बताया कि उन्होंने हिंदी-इंग्लिश की किताबों का कोंबो 799 रुपए में बुक किया। प्रधान के खिलाफ जयराम का विशेषाधिकार हनन नोटिस कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एनसीईआरटी की किताबों से संविधान की प्रस्तावना हटाए जाने पर सदन को ‘गुमराह करने’ के लिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। रमेश ने कहा कि 7 अगस्त को मल्लिकार्जुन खरगे ने तीसरी और छठी की किताबों से भारत के संविधान की प्रस्तावना को हटाए जाने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी छठी कक्षा की जो पाठ्यपुस्तक आई है, उसमें भी प्रस्तावना है। रमेश ने कहा, यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। किताबें कम मिल रहीं, इसलिए फायदा उठा रहे किताबों के विक्रेता रमेश वशिष्ठ ने बताया कि एनसीईआरटी ने कक्षा-6 की 10 किताबों में से मैथ्स को छोड़कर बाकी 9 टाइटिल की किताबें जारी की हैं, लेकिन फिलहाल कम संख्या में मिल रही हैं। ई-कॉमर्स साइटें अनाप-शनाप दामों पर नकली किताबें बेच रही हैं। कक्षा-6 की सभी किताबों का मूल 65 रुपए है लेकिन साइटों पर उन्हें 300 से 600 रुपए में बेचा जा रहा है।

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