राज्य की कार्यपालिका (Executives of State)
राज्यपाल (Governor)
संविधान के अनुसार राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है। सामान्यतः प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होता है परंतु एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।
अनुच्छेद 155 के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है। राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद पर बना रहता है। (अनुच्छेद156 (1))
अनुच्छेद 156 (2) के अनुसार राज्यपाल अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति के पास भेजकर पद मुक्त हो सकता है।
राज्यपाल पद के लिए उम्मीदवार 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो यह आवश्यक है।
वह संसद या राज्य विधान मंडल के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता।
संविधान के अनुच्छेद 159 के अंतर्गत राज्यपाल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या वरिष्ठम न्यायाधीश के समक्ष पद ग्रहण करता है।
वह राज्य के महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों तथा अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है लेकिन वह राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य को हटा नहीं सकता।
राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति, राज्यपाल से परामर्श लेता है।
राज्यपाल आंग्ल भारतीय समुदाय के एक सदस्य को विधानसभा में मनोनीत कर सकता है। 104 वें संशोधन 2020 से यह प्रावधान समाप्त कर दिया गया है।
विधान मंडल में राज्यपाल विधान परिषद में कुछ सदस्यों के नाम निर्दिष्ट करता है जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन और सामाजिक सेवा के संबंध में विशेष ज्ञान का अनुभव हो। (अनुच्छेद 171 ( ))
उसे राज्य विधानसभा के सत्र को बुलाने, सत्रावसान करने तथा विधानसभा को भंग करने का अधिकार है। (अनुच्छेद 174 )
अनुच्छेद 174 के अंतर्गत वह राज्य विधानसभा का विघटन कर सकता है।
अनुच्छेद 213 के अनुसार, जब विधानमंडल या उसके दोनों सदन सत्र में नहीं है तब राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
सैन्य न्यायालय द्वारा दिए गए दंड के संदर्भ में उक्त शक्ति तथा मृत्यु दंड की स्थिति में क्षमादान की शक्ति राज्यपाल को प्राप्त नहीं है।
अनुच्छेद 356 के अनुसार यदि राज्यपाल को यह लगे कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं चल रहा है तो वह राष्ट्रपति को प्रतिवेदन भेज कर राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकता है।
अनुच्छेद 161 के अनुसार, के तहत राज्यपाल को किसी अपराधी की क्षमा को कम करने, टालने और निलंबन करने की शक्ति प्रदान की गई है।
अनुच्छेद 164 के अनुसार राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल मुख्यमंत्री के परामर्श से करेगा। प्रत्येक मंत्री पद ग्रहण करने से पहले राज्यपाल के सम्मुख पद एवं गोपनीयता के शपथ लेते हैं।
मुख्यमंत्री (Chief Minister)
मुख्यमंत्री, राज्य की मंत्री परिषद का प्रधान होता है। राज्यपाल उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है जो राज्य विधानसभा में बहुमत दल का नेता हो।
राज्यपाल के द्वारा विधानसभा के बहुमत दल के नेता को ही मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जाता है।
योग्यताएं - वह 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो,भारत का नागरिक हो,पागल या दिवालिया ना हो एवं सांसद द्वारा समय-समय पर निर्धारित योग्यताओं को पूरी करता हो।
महाधिवक्ता (Advocate General)
अनुच्छेद 165 के अनुसार, राज्य किसी ऐसे व्यक्ति को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त करता है जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त होने के लिए अर्हित हो। महाधिवक्ता राज्य का सर्वोच्च विधि अधिकारी होता है।
अनुच्छेद 177 के अनुसार महाधिवक्ता राज्य विधान मंडल के सदनों की कार्रवाई में भाग ले सकता है, किंतु उसे मतदान करने का अधिकार नहीं है।
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