भारतीय संविधान न्यायपालिका (Judiciary- Supreme Court & High Court)

न्यायपालिका (Judiciary of India)

न्यायपालिका की एकल व्यवस्था भारत सरकार अधिनियम, 1935 से ली गई है। 

Judiciary of India- Supreme Court & High Court


उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India)

  • संविधान के भाग 5 में अनुच्छेद 124 से 147 तक उच्चतम न्यायालय के उपबंधो का उल्लेख है।  भारत का सर्वोच्चतम एवं उच्चतम न्यायालय दिल्ली में है। 
  • अनुच्छेद 124(1) के अनुसार, प्रारंभ में उच्चतम न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश एवं सात  न्यायाधीश थे। वर्तमान में 27 न्यायाधीश है (भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित) तथा सर्वोत्तम न्यायालय में अधिकतम 34 (मुख्य न्यायाधीश सहित) न्यायाधीश पीठासीन हो सकते हैं। 
  • उच्चतम न्यायालय का प्रत्येक न्यायाधीश राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। 
  • अनुच्छेद 124(3) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए तभी अर्हित होगा जब वह किसी उच्च न्यायालय का काम से कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश रहा हो या कम से कम 10 वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय का अधिवक्ता रहा हो। 
  • पद ग्रहण करने से पूर्व प्रत्येक न्यायाधीश को राष्ट्रपति या उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष अपने पद की शपथ लेनी पड़ती है। 
  • उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर बना रह सकता है। 
  • उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश कभी भी राष्ट्रपति को संबोधित कर अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकता है। 
  • अनुच्छेद 124(4) के अनुसार, उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश संसद द्वारा कदाचार साबित होने पर हटाया जा सकता है। 
  • उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते, विशेष अधिकार, अवकाश एवं पेंशन का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है,जो कि भारत की संचित निधि (Consolidated Fund of India) पर भारित होता है। वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश का वेतन 2.80 लाख प्रति माह एवंअन्य न्यायाधीशों का वेतन 2.50 लाख प्रति माह है। 


उच्च न्यायालय (High Court of India)

  • संविधान के अनुच्छेद 214 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय की व्यवस्था की गई। 
  • अनुच्छेद 231 के अनुसार, संसद कानून द्वारा दो या दो से अधिक राज्यों या दो राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए, एक संयुक्त उच्च न्यायालय की व्यवस्था कर सकती है। वर्तमान में देश में कुल 25 उच्च न्यायालय है। केंद्र शासित प्रदेशों में केवल दिल्ली में उच्च न्यायालय है। 

उच्च न्यायालय का गठन:

  • संविधान द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या निश्चित नहीं की गई है। उनकी संख्या राष्ट्रपति पर निर्भर करती है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सबसे कम तीन है एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सबसे अधिक 59 है।  
  • अनुच्छेद 217(2) के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए उम्मीदवार ने भारत में काम से कम 10 वर्ष तक किसी न्यायिक पद पर कार्य किया हो या कम से कम 10 वर्ष तक किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय में या एक से अधिक उच्च न्यायालय में अधिवक्ता रहा हो।  
  • अनुच्छेद 217(1) के अनुसार, उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश 62 वर्ष तक अपने पद पर आसीन रह सकते है। 
  • अनुच्छेद 219 के अनुसार, पत्र ग्रहण करने से पहले प्रत्येक न्यायाधीश को राज्य के राज्यपाल या उसके द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी के समक्ष अपने पद और गोपनीयता के शपथ लेनी पड़ती है। 


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