संघ एवं राज्य क्षेत्र (Union and States)
भाग I (अनुच्छेद 1 से 4 )
अनुच्छेद 1 में यह निर्धारित किया गया है कि भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा।
प्रथम अनुसूची में भारत के राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र का वर्णन किया गया है। वर्तमान समय में भारतीय राज्य क्षेत्र में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।
अनुच्छेद 2 संसद विधि द्वारा नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकती है।
अनुच्छेद 3 संसद भारतीय सीमा के अंतर्गत वर्तमान राज्यों के क्षेत्रो, सीमाओं या नामों से परिवर्तन कर सकती है।
अनुच्छेद 4 यह घोषणा करता है कि अनुच्छेद दो या तीन में किए गए संशोधन संवैधानिक संशोधन नहीं माने जाएंगे।
राज्यों का गठन (Establishment of the States)
- भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन को 1948 में गठित "धर आयोग" ने स्वीकार कर दिया था।
- हालाँकि 1953 में आंध्र प्रदेश का गठन भाषाई आधार पर किया गया। यह भाषायी आधार पर गठित देश का प्रथम राज्य है।
- 22 दिसंबर 1953 को राज्यों के पुनर्गठन हेतु "फजल अली आयोग" गठित किया गया। इस आयोग के रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 संसद द्वारा पारित किया गया।
- वर्ष 2019 में भारत सरकार ने अनुच्छेद-370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर राज्य का निषेध दर्जा समाप्त कर दिया है। अब जम्मू कश्मीर का विभाजन करके जम्मू कश्मीर व लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं।
नागरिकता (Citizenship)
नागरिकता का अर्थ
- भारतीय संविधान के भाग 2 अनुच्छेद 5 से 11 में नागरिकता का वर्णन है।
- लोकतंत्रात्मक राज्य व्यवस्था में नागरिकता किसी व्यक्ति को राज्य की पूर्ण राजनीतिक सदस्यता प्रदान करती है।
नागरिकता अधिनियम,1955
अनुच्छेद 11 के अनुसार नागरिकता संबंधी कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है। इसके लिए संसद ने नागरिकता अधिनियम,1955 पारित किया।
इस अधिनियम के अधीन भारतीय नागरिकता निम्न प्रकार से अर्जित की जा सकती है-
- जन्म के द्वारा नागरिकता
- देशीकारण द्वारा नागरिकता
- वंश परंपरा द्वारा नागरिकता
- पंजीकरण द्वारा नागरिकता
- अर्जित भू-भाग के विलियन द्वारा नागरिकता
नागरिकता के समाप्ति -
अनुच्छेद 11 के तहत नागरिकता तीन प्रकार से समाप्त हो सकती है-
- परित्याग (स्वयं त्यागना)
- पर्यवसान (अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेना)
- वंचित करना